लोकसभा चुनाव में प्रदेश के खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की बैठक में यह रणनीति बनी है। संगठन में 6 साल बाद सदस्यता अभियान अगले माह से शुरू होगा। बाहरी दलों से आने वाले नेताओं के स्थान पर संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी ने संगठन में सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी शुरू की है।
लखनऊ में संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में हार के कारणों पर मंथन हुआ। इसके बाद अब संगठन के पुनर्गठन की रणनीति तय की गई है। प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के मद्देनजर पुनर्गठन को फिर टाला गया है। संगठन के चुनाव दिसंबर में हो सकते हैं। 15 जुलाई को पाटी के सभी पदाधिकारी व सदस्यों की सदस्यता स्वत: समाप्त हो गई। छह साल बाद बड़े पैमाने पर संगठन को मजबूत बनाने के लिए अगस्त से नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जाए। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह दें।
संगठन में नीरसता और उदासीनता पर भी चर्चा की गई। नई स्फूर्ति के साथ काम करने को कहा गया। इसके अलावा संगठन की हर 15 दिन में एक बार जिला स्तर पर बैठक होनी है। जिले के पदाधिकारी मंडल स्तर पर, मंडल के पदाधिकारी बूथ पर बैठक करेंगे। जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुलझाएंगे। अधिकारियों से जनता के कार्यों के लिए पैरवी करेंगे। कार्यकर्ताओं के बीच से ही संगठन में पदाधिकारी बनाए जाएंगे। यह भी तय हुआ कि ऊपर से पदाधिकारी नहीं थोपे जाएंगे। संगठन के चुनाव में ऐसे ही लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी, जो सक्रिय होंगे।
संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री व एमएलसी विजय शिवहरे ने बताया कि छह साल बाद सदस्यता अभियान चलाने का फैसला हुआ है। पार्टी के संविधान के मुताबिक सदस्यता क्रमवार तरीके से बूथ से जिले तक चलाई जाएगी। संगठन में आमूलचूल परिवर्तन होगा, ताकि कार्यकर्ता नई स्फूर्ति के साथ संगठन को मजबूत करें।