शनि जयंती पर सरसों के तेल से करें ये उपाय, सुख-शांति के साथ मिलेगा अपार धन!

हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि भक्तिभाव के साथ मनाई जाती है। यह दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन (Shani jayanti 2025) छाया पुत्र की पूजा करने से जीवन की सभी भय-बाधाओं का नाश होता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को खुश करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं, जिनमें सरसों के तेल का विशेष महत्व है, क्योंकि यह उन्हें बहुत प्रिय है, तो आइए इस आर्टिकल में सरसों के तेल से जुड़े कुछ खास उपाय जानते हैं।

सरसों के तेल से करें ये खास उपाय

शनिदेव को चढ़ाएं
शनि जयंती पर सुबह स्नान के बाद अपने आस-पास के किसी भी शनि मंदिर में जाएं। एक कटोरी में सरसों का तेल लें और उसमें अपनी परछाई देखें। इसके बाद यह तेल शनिदेव को अर्पित करें। इस उपाय को करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों का असर कम होता है। इसके साथ ही शनि कृपा मिलती है।

दीपक जलाएं
शनि जयंती के मौके पर शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप भाव के साथ करें। फिर उसकी 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से शनिदेव खुश होते हैं। इससे साथ ही धन-धान्य में वृद्धि करते हैं।

गरीबों को दान दें
इस शुभ अवसर पर सरसों के तेल से बनी चीजों का दान करें। दान गरीबों और जरूरतमंदों को ही होना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे भगवान शनि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही आर्थिक मुश्किलें दूर होती हैं।

करें ये खास दान
सबसे पहले एक लोहे के कटोरे में सरसों का तेल भरें और फिर उसमें काले तिल और एक सिक्का डालें। इसके बाद इस कटोरे को किसी गरीब या शनि मंदिर में जाकर दान कर दें। इस उपाय को करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।

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