सरकार ने प्याज निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया

सरकार ने लोकसभा चुनाव के बीच शनिवार को प्याज के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा दिया। लेकिन, प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन रहेगा। इससे पहले शुक्रवार रात सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया था। यह शुल्क पिछले साल अगस्त से दिसबंर के बीच भी था।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा, ‘प्याज के निर्यात पर से तत्काल प्रतिबंध हटाया जा रहा है। अगले आदेश तक 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के MEP पर प्याज को एक्सपोर्ट किया जा सकता है।’ सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी, जिसे बाद में उसने बढ़ाया भी था।

हालांकि, सरकार प्रतिबंध के बीच भी कुछ मित्र देशों को प्याज निर्यात कर रही थी। पिछले महीने सरकार ने छह पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी।

कितना रहेगा प्याज का उत्पादन?

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मार्च में प्याज उत्पादन के आंकड़े जारी किए थे। 2023-24 में प्याज की पैदावार करीब 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है। पिछले साल लगभग 302.08 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। लेकिन, कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि इस बार महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में प्याज की पैदावार कम होगी, जिसका असर टोटल प्रोडक्शन पर दिखेगा।

किसानों ने प्रतिबंध का किया था विरोध

किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का लगातार विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि सरकार भरपूर स्टॉक होने के बावजूद प्याज निर्यात करने की अनुमति नहीं दे रही, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा था। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर किसानों की ‘बेहद अनदेखी’ करने का आरोप लगाया।

वहीं, मार्च के थोक महंगाई के आंकड़े के अनुसार, प्याज के भाव में 50 फीसदी से अधिक उछाल आया था। जानकारों का मानना था कि सरकार प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए ही निर्यात की इजाजत नहीं दे रही है।

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