सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि न्यायाधिकरणों और आयोगों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के स्थान पर वर्तमान न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए काननू में उपयुक्त संशोधन किया जाए और न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु तीन साल बढ़ाई जाए। उन्होंने जिला अदालतों में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 63 वर्ष किए जाने का भी अनुरोध किया है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आदीश सी. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कानून में कई संशोधनों का अनुरोध किया है। इसमें न्यायाधीशों के लिए राजनीति में शामिल होने के लिए अनिवार्य दो साल की कूलिंग ऑफ पीरियड भी शामिल है।

सेवानिवृत्ति की आयु तीन साल बढ़ाई जाए

उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए बढ़ते खतरे को रोकने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि न्यायाधिकरणों और आयोगों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के स्थान पर वर्तमान न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए काननू में उपयुक्त संशोधन किया जाए और न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु तीन साल बढ़ाई जाए।

जिला अदालतों को लेकर पत्र में कही ये बात

पत्र में उन्होंने दावा किया है कि 2008 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त 21 न्यायाधीशों में से 18 न्यायाधीशों को विभिन्न आयोगों और न्यायाधिकरणों में कार्यभार मिला है। उन्होंने कहा कि भारत के 14वें विधि आयोग की रिपोर्ट में न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरियों की पेशकश की मौजूदा प्रथा में बदलाव की सिफारिश की गई है और तर्क दिया गया है कि ऐसी नियुक्तियां न्यायिक स्वतंत्रता को प्रभावित करती हैं। यह व्यवस्था न्यायपालिका की गरिमा और स्थिति को कमजोर करती है। उन्होंने जिला अदालतों में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 63 वर्ष किए जाने का भी अनुरोध किया है।

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