अडानी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है कि हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोप नकारात्मक और झूठे हैं। शनिवार को अमेरिका की शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया कि वॉचलिस्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, सेबी की अध्यक्ष माधाबी पुरी बुच का उन गुप्त ऑफशोर कंपनियों में हिस्सा था, जिनका इस्तेमाल “अडानी पैसे हड़पने के घोटाले” में किया गया। इन दावों को खारिज करते हुए अडानी समूह ने एक बयान जारी किया और हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया।
अडानी समूह ने एक बयान में कहा, “हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए नवीनतम आरोप दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाले हैं। ये आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारियों का चयन करके पूर्वनिर्धारित निष्कर्षों तक पहुंचने का प्रयास हैं, जिसमें तथ्यों और कानून की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। ये आरोप उन पुरानी और निराधार दावों को फिर से उठाते हैं, जिनकी पूरी जांच की गई थी, जो बेबुनियाद साबित हुए थे और जिनसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में इनकार कर दिया था।”
दरअसल अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अडानी के ‘मनी साइफनिंग स्कैंडल’ में इस्तेमाल की गई ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी जनवरी 2023 में प्रकाशित हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर एक्शन लेने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास ऑफशोर फंड में इन्वेस्टमेंट थे जिनके अडानी ग्रुप के साथ लिंक थे।
वहीं सेबी अध्यक्ष ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी लिंक के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह ‘निराधार, किसी भी सच्चाई से रहित’ है। अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी इस बार शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी (Sebi) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है। माधवी पुरी बुच और धवल बुच शनिवार को देर रात आई रिपोर्ट का खंडन करते हुए इन्हें ‘आधारहीन’ और ‘चरित्र हनन’ का प्रयास करार दिया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले (Adani money siphoning scandal) में इस्तेमाल हुए ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी।
इस पर उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाफ 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन करते हैं। उसमें सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्त स्थिति एक खुली किताब की तरह है। हमें सभी वित्तीय दस्तावेजों को दिखाने में कोई संकोच नहीं है। इसमें वो पेपर्स भी शामिल हैं, जब हम और पुरी एक सामान्य नागरिक थे।’